लालटेन युग में हैं सरायरंजन के ग्रामीण क्षेत्र

सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के दूर-दराज के गांवों में शाम होते ही लालटेन की रौशनी देखने को मिल जाएगी. इससे समझा जा सकता है कि लोग किस युग में जीने को विवश हैं.
इस क्षेत्र में बिजली तो पहुंची है किन्तु इसकी आपूर्ति ठीक ढंग से नहीं हो पाती है. दिन भर बिजली के आंख मिचौली खेलने से एक तरफ जहां किसान परेशान रहते हैं वहीँ लोगों को रात्रि में रोशनी के लिए मजबूरन निजी जनरेटर व्यवस्था पर आश्रित होना पड़ता है.
बिजली आपूर्ति अनियमितता की वजह से लोगों के बिजनेस – व्यवसाय पर भी विपरीत असर पड़ रहा है. दुकानदारों का हाल यह है कि वे जितना कमाते नहीं उससे कहीं ज्यादा जनरेटर पर खर्च कर देते हैं.
जब बाज़ारों और कस्बों में बिजली का यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति के बारे में आसानी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है. गांवों विद्युतीकरण का काम अभी तक पूर्ण रूप से नहीं हो पाया है. कहीं पोल है तो तार नहीं, कही तार है तो पोल नहीं.
दरभंगा प्रमंडल के तहत समस्तीपुर जिला में पड़ने वाले सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र पर सत्तारूढ़ दल जदयू का कब्ज़ा है. यहां से जीते हुए विधायक को नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री भी बनने का अवसर मिला लेकिन उसका लाभ क्षेत्र के निवासियों को नहीं मिल पाया.
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